यादों का स्वेटर

(आज मेरे बेटे का जन्मदिन है। चौदह साल यूँ गुज़र गए मानो छू मंतर हो गए! उसके बचपन को याद करते हुए कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं)

लम्हों के ऊनी धागों से
मैंने यादों का स्वेटर सजोया है
वक़्त तो बेज़ार है
देखो तेज़ रफ़्तार है
स्वेटर अब वो सिमट गया है
समय से जैसे लिपट गया है
ऊन अब भी नर्म है
देखो कितनी गर्म है
स्वेटर थोड़ा तंग है
पर रंगों की उमंग है
स्मृतियों की गर्माइश है
प्यार का फ्री साइज़ है
हम बुन रहे हैं ताना बाना
यह स्वेटर तो है इक बहाना
कल पुरानी पेटी में चला जाएगा
तब कहां इसे पहना जाएगा
हम जीने में मशरूफ हो जाएंगे
नए स्वेटर नित बनाएंगे

और फिर यूँ ही
जब जीवन की शामें सर्द हो जाएंगी
तो बहाने से मैं जाऊंगी
और पेटी से ले आऊंगी
वही नर्म यादों वाला
गर्म स्वेटर!

©® सोनिया डोगरा


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23 Replies to “यादों का स्वेटर”

  1. Simply amazing lines:
    जब जीवन की शामें सर्द हो जाएंगी
    तो बहाने से मैं जाऊंगी
    और पेटी से ले आऊंगी
    वही नर्म यादों वाला
    गर्म स्वेटर!

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  2. He is so cute. A very happy birthday to him. and Your lines are definitely touching. I hope both of you have a wonderful time together.

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