Posted on Aug 4, 2020
by soniadogra
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साधारण सी लगने वाली प्रेम कहानियाँ क्या ख़ास होती हैं ? मुझे याद है किशोरावस्था के वो दिन | ’९० के दशक की बात है |वो प्रेम कहानियों का दौर था ─ चाहे फिल्में हो या किताबें | या फिर शायद ऐसा तो नहीं था,… Continue Reading “अतरंगी प्रेम कहानी – तुम तक”
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Posted on May 19, 2019
by soniadogra
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विनोद बाबु किताबों पर पड़ी धूल झाड़ रहे थे। तीस सालों से शिमला की स्टेट लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन थे पर आज उनका यहां आखिरी दिन था। ‘अगर एक महीने में आप एक भी मेंबर बना पाए तो हम लाइब्रेरी बंद नही करेंगे।’ ऐसा कहा… Continue Reading “किताबों की नौकरी!”
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Posted on Apr 14, 2019
by soniadogra
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Flash fiction based on the given picture by #Womensweb हिन्दी ‘माँ, अब हम दरगाह पर चादर चढ़ाने क्यों नही जाते हैं?’ ‘अब हम नही जाएंगे। क्योंकि उन्होंने ही तुम्हारे मामा को मारा है।’ ‘मौलवी जी ने?’ ‘नहीं।’ ‘तो?चादर बेचने वाले अब्दुल ने?’ ‘नहीं।’ ‘तो?रेहाना… Continue Reading “बताओ न माँ!! (Tell me, Mother)”
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Posted on Feb 25, 2019
by soniadogra
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